श्रीमद्भगवद्गीता (Shrimadbhagwadgita) By: Swami Samarpananand Saraswati

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 ‘ श्रीमद्भगवद्गीता ‘ का समर्पण भाष्य मौलिक विवेचना की दृष्टि से उल्लेखनीय है । यह विशुद्ध सिद्धान्तों पर आधारित है । इसमें कर्म सिद्धान्त पर बहुत ही चमत्कारिक और विद्वत्तापूर्ण ढंग से प्रकाश डाला गया है । गीता में कई स्थानों पर ऐसे श्लोक हैं जो मृतक श्राद्ध , अवतारवाद , वेद – निंदा आदि सिद्धान्तों के पोषक प्रतीत होते हैं । 

इस पुस्तक में पं . बुद्धदेव जी ने “ तदात्मानं सृजाम्यहं ” का बड़ा सटीक , वैदिक सिद्धान्तों के अनुरुप और बिना खींच तान किए अर्थ किया है कि “ मुझसे योगी , विद्वान् परोपकारी , धर्मात्मा आप्त जन जन्म लेते हैं । सभी अध्यायों के समस्त प्रकरणों में स्थान स्थान पर , गीता के श्लोकों का अर्थ वैदिक सिद्धान्तों के अनुरुप दिखाई देता है ।

श्रीमद्भगवद्गीता के उपलब्ध भाष्यों तथा इस समर्पण भाष्य में महान् मौलिक मत भेद हैं । जहां अन्य भाष्यों में श्री कृष्ण को भगवान् , परमात्मा के रूप में दर्शाया है । वहां इस भाष्य में उन्हीं कृष्ण को योगेश्वर एवं सच्चे हितसाधक सखा रूप में दर्शाया है । यही कारण है गीता के आर्य समाजीकरण का । यह उनके निरन्तर चिंतन और प्रज्ञा – वैशारद्य का द्योतक है ।

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 ‘ श्रीमद्भगवद्गीता ‘ का समर्पण भाष्य मौलिक विवेचना की दृष्टि से उल्लेखनीय है । यह विशुद्ध सिद्धान्तों पर आधारित है । इसमें कर्म सिद्धान्त पर बहुत ही चमत्कारिक और विद्वत्तापूर्ण ढंग से प्रकाश डाला गया है । गीता में कई स्थानों पर ऐसे श्लोक हैं जो मृतक श्राद्ध , अवतारवाद , वेद – निंदा आदि सिद्धान्तों के पोषक प्रतीत होते हैं । 

इस पुस्तक में पं . बुद्धदेव जी ने “ तदात्मानं सृजाम्यहं ” का बड़ा सटीक , वैदिक सिद्धान्तों के अनुरुप और बिना खींच तान किए अर्थ किया है कि “ मुझसे योगी , विद्वान् परोपकारी , धर्मात्मा आप्त जन जन्म लेते हैं । सभी अध्यायों के समस्त प्रकरणों में स्थान स्थान पर , गीता के श्लोकों का अर्थ वैदिक सिद्धान्तों के अनुरुप दिखाई देता है ।

श्रीमद्भगवद्गीता के उपलब्ध भाष्यों तथा इस समर्पण भाष्य में महान् मौलिक मत भेद हैं । जहां अन्य भाष्यों में श्री कृष्ण को भगवान् , परमात्मा के रूप में दर्शाया है । वहां इस भाष्य में उन्हीं कृष्ण को योगेश्वर एवं सच्चे हितसाधक सखा रूप में दर्शाया है । यही कारण है गीता के आर्य समाजीकरण का । यह उनके निरन्तर चिंतन और प्रज्ञा – वैशारद्य का द्योतक है ।

Additional information

Weight 0.425 kg
Dimensions 21 × 13 cm
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