• ARYA SAMAJ – The Noble Society ( SHRI J. M. MEHTA )

    This book though small, deals with a great socio-religious organization known as ARYA SAMAJ, which means NOBLE SOCIETY. Arya Samaj was founded by SWAMI DAYANAND SARASWATI, a renowned seer, great social reformer and a leading light of Indian Renaissance, As the name suggests, the goal ofArya Samaj is to establish a noble society by propagating Vedic Teachings which contain divine message of Truth, righteousness and universal brotherhood. In essence, the main aim of Arya Samaj is to promote the physical, spiritual and social welfare of all mankind. This is indeed the most pressing need of all mankind for all times.

    It is hoped that this book will be a trendy source of information especially to the modern youth and will be well received by the general public.

  • “महाभारत” Mahabharat By: Swami Jagdishwaranand Sarswati

    महाभारत धर्म का विश्वकोष है । व्यास जी महाराज की घोषणा है कि ‘ जो कुछ यहां है , वही अन्यत्र है , जो यहां नहीं है वह कहीं नहीं है । इसकी महत्ता और गुरुता के कारण इसे पन्चम वेद भी कहा जाता है।

    1,100.001,200.00
  • “Complete Veda Bhashya” (Hindi) – सम्पूर्ण वेद भाष्य (हिंदी)

    सभी वेदों की अपनी – अपनी विशेषताएँ हैं । वेद संतप्त मानवों को अपूर्व शांति प्रदान करते हैं । आधि – व्याधि और वासनाओं से विक्षुब्ध मानव हृदय वेद मंत्रों का उच्चारण करते हुए आनंदसागर में निमग्न हो जाता है । वेद क्या हैं – वैदिक संस्कृति विश्व की प्राचीनतम संस्कृति है और संपूर्ण विश्व के द्वारा वरणीय है । वेद ज्ञान – विज्ञान के अक्षय कोष हैं । वेद संपूर्ण वैदिक वाङ्मय का प्राण हैं । वेदों में तेज , ओज , और वर्चस्व की राशि है ।

    6,950.007,500.00
  • वाल्मीकि रामायण Valmiki Ramayan By: Swami Jagdishwaranand Sarswati

    स्वामी जगदीश्वरानन्द सरस्वती आर्य जगत् के सुप्रसिद्ध विद्वान् , निरन्तर साहित्य साधना में संलग्न , रामायण के समालोचक एवं मर्मज्ञ लेखक थे । इस पुस्तक द्वारा आप अपने प्राचीन गौरवमय इतिहास की झांकी , मर्यादा पुरुषोत्तम राम के जीवन का अध्ययन , प्राचीन राज्यव्यवस्था का स्वरुप देख सकते हैं । – यदि आप भ्रातृ – प्रेम नारी- गौरव आदर्श सेवक , आदर्श मित्र , आदर्श राज्य , आदर्श पुत्र के स्वरुपों का अवलोकन या आप रामायण का तुलनात्मक अध्ययन करना चाहते हैं तो यह रामायण अवश्य पढ़ें । यह ग्रन्थ सैकड़ों टिप्पणियों से समलंकृत सम्पूर्ण रामायण 7000 श्लोकों में पूर्ण हुआ है ।

    Commentary by Swami Jagdishwaranand,  After reading this edition you will emerge with greater courage , stronger will and purer mind. It contains selected shalokas out of the thousands of them which the author analyzed to be of Maharshi Valmiki . You will find the appeal and freshness of this epic poem transcend all limitation imposed by time , space , age , caste , creed , society and language . Swamiji revised this edition and suggested to include some authentic pictures . Now this is revised & computerized.

  • हितोपदेश (केवल हिंदी में) Hitopadesh in Hindi only

    ‘भगवान् दत्तात्रेय’ चौबीस अवतारों में से एक थे। उनके गुरु थे कौए और कबूतर, मगर और अजगर, हिरण और शेर आदि । इन्हीं की रोमांचक कहानियों का भंडार है ‘हितोपदेश’, जिसे पढ़ने के लिए संसारभर के लोग भारत आते थे। मूल रूप में श्री नारायण पंडित ने यह संस्कृत में रचा था।

    राष्ट्र भाषा का स्थान अब हिन्दी ले चुकी है, – इसलिए समूचे ग्रंथ का मुहावरेदार हिन्दी में ऐसा प्रामाणिक रूपान्तर प्रस्तुत है जिसकी सभी ने मुक्त कण्ठ से प्रशंसा की है। ‘हितोपदेश’ सर्वतोमुखी ज्ञान का भण्डार हैं। इसका एक-एक वाक्य एक- एक लाख रुपये का है। सर्वांगीण विकास के लिए इसे बच्चों को भेंट करें, इसे हर लायब्रेरी, हर घर की टेबल पर सजाएँ, ‘हितोपदेश’ सर्वज्ञ और अंतर्यामी बना देगा ।

  • पंचतन्त्र की कहानियां – Panchtantra Ki Kahaniyan (केवल हिंदी में)

    ‘पंचतन्त्र’ केवल जानवरों की कहानियों का संग्रह नहीं, बल्कि पूरे संसार के ज्ञान-विज्ञान का गागर में सागर है। यह एक पुस्तक ही नहीं, विश्व स्तर की यूनिवर्सिटि है |

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