घरेलू औषधियां – Gharelu Aushadhiya By Swami Jagdishwarananda Saraswati
₹85.00
पुस्तक परिचय
आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति कितनी सस्ती और कितनी लाभप्रद है इसका ज्ञान पाठकों को इस पुस्तक के अवलोकन से होगा । आज के इस महँगाई के युग में भी बवासीर , दमा जैसे रोग 25-30 पैसे में ठीक हो सकते हैं । आरम्भिक मोतियाबिन्द ऑपरेशन के बिना कट सकता है । इस पुस्तक में दिये हुए सभी नुस्खे अनेक बार परीक्षित हैं , इन्हें प्रयोग में लाइए और लाभ उठाइए । इस संस्करण में 70-80 नये और चमत्कारिक नुस्खे बढ़ाये गये हैं । आशा ही नहीं , पूर्ण विश्वास है कि अब पाठक इसे पहले से भी अधिक उपयोगी पाएँगे । यदि कुछ भी व्यक्तियों ने इससे लाभ उठाया तो लेखक का परिश्रम सफल होगा ।
भूमिका
जहाँ हमने वैदिक धर्मोद्धारक , क्रान्ति के अग्रदूत , महान् वेदज्ञ , योगिराज , आर्यसमाज के संस्थापक महर्षि दयानन्द सरस्वती के ग्रन्थों का अध्ययन किया , वहाँ आयुर्वेद के ग्रन्थों का भी अवगाहन किया । ग्रन्थों के अतिरिक्त अनेक पत्र – पत्रिकाओं का अवलोकन भी यदा – कदा होता ही रहा । अनेक साधु – सन्तों से भी आयुर्वेद – सम्बन्धी चर्चाएँ होती रहीं , उसके फलस्वरूप यह ग्रन्थ पाठकों के कर – कमलों में समर्पित है । आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति कितनी सस्ती और कितनी लाभप्रद है इसका ज्ञान पाठकों को इस ग्रन्थ के अवलोकन से होगा । आज के इस महँगाई के युग में भी बवासीर , दमा जैसे रोग २५-३० पैसे में ठीक हो सकते हैं । आरम्भिक मोतियाबिन्द ऑपरेशन के बिना कट सकता है । इस ग्रन्थ में दिये हुए सभी नुस्खे अनेक बार के परीक्षित हैं , इन्हें प्रयोग में लाइए और लाभ उठाइए । दे दी चतुर्थ संस्करण में ७०-८० नये और चमत्कारिक नुस्खे पहले से भी अधिक उपयोगी पाएँगे । बढ़ाये गये हैं । आशा ही नहीं , पूर्ण विश्वास है कि अब पाठक इसे गई है । पुस्तक में कोश का क्रम रक्खा है , फिर भी विषय – सूची परिश्रम सफल समझँगा । यदि कुछ भी व्यक्तियों ने इससे लाभ उठाया तो मैं अपना
पुस्तक परिचय
आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति कितनी सस्ती और कितनी लाभप्रद है इसका ज्ञान पाठकों को इस पुस्तक के अवलोकन से होगा । आज के इस महँगाई के युग में भी बवासीर , दमा जैसे रोग 25-30 पैसे में ठीक हो सकते हैं । आरम्भिक मोतियाबिन्द ऑपरेशन के बिना कट सकता है । इस पुस्तक में दिये हुए सभी नुस्खे अनेक बार परीक्षित हैं , इन्हें प्रयोग में लाइए और लाभ उठाइए । इस संस्करण में 70-80 नये और चमत्कारिक नुस्खे बढ़ाये गये हैं । आशा ही नहीं , पूर्ण विश्वास है कि अब पाठक इसे पहले से भी अधिक उपयोगी पाएँगे । यदि कुछ भी व्यक्तियों ने इससे लाभ उठाया तो लेखक का परिश्रम सफल होगा ।
भूमिका
जहाँ हमने वैदिक धर्मोद्धारक , क्रान्ति के अग्रदूत , महान् वेदज्ञ , योगिराज , आर्यसमाज के संस्थापक महर्षि दयानन्द सरस्वती के ग्रन्थों का अध्ययन किया , वहाँ आयुर्वेद के ग्रन्थों का भी अवगाहन किया । ग्रन्थों के अतिरिक्त अनेक पत्र – पत्रिकाओं का अवलोकन भी यदा – कदा होता ही रहा । अनेक साधु – सन्तों से भी आयुर्वेद – सम्बन्धी चर्चाएँ होती रहीं , उसके फलस्वरूप यह ग्रन्थ पाठकों के कर – कमलों में समर्पित है । आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति कितनी सस्ती और कितनी लाभप्रद है इसका ज्ञान पाठकों को इस ग्रन्थ के अवलोकन से होगा । आज के इस महँगाई के युग में भी बवासीर , दमा जैसे रोग २५-३० पैसे में ठीक हो सकते हैं । आरम्भिक मोतियाबिन्द ऑपरेशन के बिना कट सकता है । इस ग्रन्थ में दिये हुए सभी नुस्खे अनेक बार के परीक्षित हैं , इन्हें प्रयोग में लाइए और लाभ उठाइए । दे दी चतुर्थ संस्करण में ७०-८० नये और चमत्कारिक नुस्खे पहले से भी अधिक उपयोगी पाएँगे । बढ़ाये गये हैं । आशा ही नहीं , पूर्ण विश्वास है कि अब पाठक इसे गई है । पुस्तक में कोश का क्रम रक्खा है , फिर भी विषय – सूची परिश्रम सफल समझँगा । यदि कुछ भी व्यक्तियों ने इससे लाभ उठाया तो मैं अपना
Additional information
Weight | 0.15 kg |
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Dimensions | 21.59 × 13.97 cm |
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