घरेलू औषधियां – Gharelu Aushadhiya By Swami Jagdishwarananda Saraswati

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पुस्तक परिचय

आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति कितनी सस्ती और कितनी लाभप्रद है इसका ज्ञान पाठकों को इस पुस्तक के अवलोकन से होगा । आज के इस महँगाई के युग में भी बवासीर , दमा जैसे रोग 25-30 पैसे में ठीक हो सकते हैं । आरम्भिक मोतियाबिन्द ऑपरेशन के बिना कट सकता है । इस पुस्तक में दिये हुए सभी नुस्खे अनेक बार परीक्षित हैं , इन्हें प्रयोग में लाइए और लाभ उठाइए । इस संस्करण में 70-80 नये और चमत्कारिक नुस्खे बढ़ाये गये हैं । आशा ही नहीं , पूर्ण विश्वास है कि अब पाठक इसे पहले से भी अधिक उपयोगी पाएँगे । यदि कुछ भी व्यक्तियों ने इससे लाभ उठाया तो लेखक का परिश्रम सफल होगा ।

भूमिका

जहाँ हमने वैदिक धर्मोद्धारक , क्रान्ति के अग्रदूत , महान् वेदज्ञ , योगिराज , आर्यसमाज के संस्थापक महर्षि दयानन्द सरस्वती के ग्रन्थों का अध्ययन किया , वहाँ आयुर्वेद के ग्रन्थों का भी अवगाहन किया । ग्रन्थों के अतिरिक्त अनेक पत्र – पत्रिकाओं का अवलोकन भी यदा – कदा होता ही रहा । अनेक साधु – सन्तों से भी आयुर्वेद – सम्बन्धी चर्चाएँ होती रहीं , उसके फलस्वरूप यह ग्रन्थ पाठकों के कर – कमलों में समर्पित है । आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति कितनी सस्ती और कितनी लाभप्रद है इसका ज्ञान पाठकों को इस ग्रन्थ के अवलोकन से होगा । आज के इस महँगाई के युग में भी बवासीर , दमा जैसे रोग २५-३० पैसे में ठीक हो सकते हैं । आरम्भिक मोतियाबिन्द ऑपरेशन के बिना कट सकता है । इस ग्रन्थ में दिये हुए सभी नुस्खे अनेक बार के परीक्षित हैं , इन्हें प्रयोग में लाइए और लाभ उठाइए । दे दी चतुर्थ संस्करण में ७०-८० नये और चमत्कारिक नुस्खे पहले से भी अधिक उपयोगी पाएँगे । बढ़ाये गये हैं । आशा ही नहीं , पूर्ण विश्वास है कि अब पाठक इसे गई है । पुस्तक में कोश का क्रम रक्खा है , फिर भी विषय – सूची परिश्रम सफल समझँगा । यदि कुछ भी व्यक्तियों ने इससे लाभ उठाया तो मैं अपना

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पुस्तक परिचय

आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति कितनी सस्ती और कितनी लाभप्रद है इसका ज्ञान पाठकों को इस पुस्तक के अवलोकन से होगा । आज के इस महँगाई के युग में भी बवासीर , दमा जैसे रोग 25-30 पैसे में ठीक हो सकते हैं । आरम्भिक मोतियाबिन्द ऑपरेशन के बिना कट सकता है । इस पुस्तक में दिये हुए सभी नुस्खे अनेक बार परीक्षित हैं , इन्हें प्रयोग में लाइए और लाभ उठाइए । इस संस्करण में 70-80 नये और चमत्कारिक नुस्खे बढ़ाये गये हैं । आशा ही नहीं , पूर्ण विश्वास है कि अब पाठक इसे पहले से भी अधिक उपयोगी पाएँगे । यदि कुछ भी व्यक्तियों ने इससे लाभ उठाया तो लेखक का परिश्रम सफल होगा ।

भूमिका

जहाँ हमने वैदिक धर्मोद्धारक , क्रान्ति के अग्रदूत , महान् वेदज्ञ , योगिराज , आर्यसमाज के संस्थापक महर्षि दयानन्द सरस्वती के ग्रन्थों का अध्ययन किया , वहाँ आयुर्वेद के ग्रन्थों का भी अवगाहन किया । ग्रन्थों के अतिरिक्त अनेक पत्र – पत्रिकाओं का अवलोकन भी यदा – कदा होता ही रहा । अनेक साधु – सन्तों से भी आयुर्वेद – सम्बन्धी चर्चाएँ होती रहीं , उसके फलस्वरूप यह ग्रन्थ पाठकों के कर – कमलों में समर्पित है । आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति कितनी सस्ती और कितनी लाभप्रद है इसका ज्ञान पाठकों को इस ग्रन्थ के अवलोकन से होगा । आज के इस महँगाई के युग में भी बवासीर , दमा जैसे रोग २५-३० पैसे में ठीक हो सकते हैं । आरम्भिक मोतियाबिन्द ऑपरेशन के बिना कट सकता है । इस ग्रन्थ में दिये हुए सभी नुस्खे अनेक बार के परीक्षित हैं , इन्हें प्रयोग में लाइए और लाभ उठाइए । दे दी चतुर्थ संस्करण में ७०-८० नये और चमत्कारिक नुस्खे पहले से भी अधिक उपयोगी पाएँगे । बढ़ाये गये हैं । आशा ही नहीं , पूर्ण विश्वास है कि अब पाठक इसे गई है । पुस्तक में कोश का क्रम रक्खा है , फिर भी विषय – सूची परिश्रम सफल समझँगा । यदि कुछ भी व्यक्तियों ने इससे लाभ उठाया तो मैं अपना

Additional information

Weight 0.15 kg
Dimensions 21.59 × 13.97 cm
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